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Friday, 4 November 2022

Safety and Health At Work

 लंबी जिंदगी जीनी है और बीमारियों से भी दूर रहना है तो सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। हालांकि बिजी लाइफस्टाइल के चलते हम अपनी सेहत के साथ लापरवाही कर देते हैं। नतीजा यह होता है कि ढेरों बीमारियां और इंफेक्शन हमें घेर लेते हैं। वर्किंग क्लास की सेहत पर तो खासकर ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। भाग-दौड़ के चक्कर में नौकरीपेशा लोग न तो ढंग से खा पाते हैं और न ही एक्सर्साइज़ ही कर पाते हैं। ऐसे में हम यहां कुछ तरीके बता रहे हैं जिनसे नौकरीपेशा लोग ऑफिस में भी अपनी हेल्थ का ख्याल रख सकते हैं:


हेल्दी डायट
सबसे पहली और जरूरी चीज है हेल्दी खाना। अगर आप घर से लंच और ब्रेकफस्ट ले जाते हैं तब तो अच्छी बात है, लेकिन अगर नहीं, तो फिर ऑफिस में ही ब्रेकफस्ट और लंच जरूर करें। हालांकि यह हेल्दी हो। कोशिश करें कि आप के लंच में दही, दाल, चावल, 2 रोटी और हरी सब्जी व रायता हो, तो वहीं ब्रेकफस्ट में फ्रूट्स, सलाद, जूस या कुछ भी हेल्दी लेकिन लाइट आइटम हो। ज्यादातर लोग ऑफिस में तला-भुना और चटखारे वाला खाना पसंद करते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी न करें।


स्नैक्स से दूरी
कई लोग ऐसे भी होते हैं जो सीट पर बैठे-बैठे ही स्नैक्स खाते हैं। कहने का मतलब है कि व्यस्तता के चलते वे खाना स्किप कर देते हैं और सीट पर बैठे-बैठे ही चिप्स, कोल्ड ड्रिंक जैसे स्नैक्स खा लेते हैं। ये अनहेल्दी होते हैं और भूख को भी खत्म कर देते हैं।

कॉफी को 'ना'
ऑफिस में कई लोगों को कॉफी पीने की आदत होती है। एक कॉफी तक तो ठीक है, लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो कई कप कॉफी पी जाते हैं। ज्यादा कैफीन सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। यह भूख तो मारता ही है साथ ही अन्य बीमारियों को भी जन्म देता है। ध्यान रखें कि किसी भी चीज की अति बेहद खतरनाक होती है।

योग और एक्सर्साइज़
जल्दी-जल्दी ऑफिस जाने के चक्कर में एक्सर्साइज़ करने का टाइम नहीं मिल पाता या जिम नहीं जा पाते और योग भी नहीं करते तो आप ऑफिस में ही कुर्सी पर बैठे-बैठे कुछ एक्सर्साइज़ कर सकते हैं। बीच में 5-10 मिनट का फ्री टाइम निकालकर एक बार योग या फिर मेडिटेशन जरूर करें। इससे बॉडी तो रिलैक्स होगी ही, थकान और टेंशन भी दूर होगी।

लगातार काम न करें

लगातार बैठे काम न करें। बीच-बीच में ब्रेक लेकर उठते रहें। डॉक्टर्स के मुताबिक, एक ही जगह लगातार बैठकर काम करते रहने से रीढ़ की हड्डी पर बुरा असर पड़ता है। कमर दर्द की समस्या भी बढ़ जाती है।





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